भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"उसूलों का धंधा / राजेश श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेश श्रीवास्तव |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:18, 12 मई 2014 के समय का अवतरण

मेरा यह कहना
कोई अर्थ नहीं रखता
कि मैं
किससे, कितना प्यार करता हूँ
सार्थकता इस बात में है
कौन, कितना इस प्यार को
उसी रूप में लेता है
जिस रूप में मैं देना चाहता हूँ।