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"म्हें थांने पूछां म्हारी धीयड़ी / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

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18:00, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

म्हें थांने पूछां म्हारी धीयड़ी
म्हें थांने पूछां म्हारी बालकी
इतरो बाबा जी रो लाड़, छोड़ र बाई सिध चाल्या।
मैं रमती बाबो सो री पोल
मैं रमतो बाबो सारी पोल
आयो सगे जी रो सूबटो, गायड़मल ले चाल्यो।
म्हें थाने पूंछा म्हारी बालकी
म्हें थाने पूंछा म्हारी छीयड़ी
इतरों माऊजी रो लाड़, छोड़ र बाई सिध चाल्या।
आयो सगे जी रो सूबटो
हे, आयो सगे जी रो सूबटो
म्हे रमती सहेल्यां रे साथ, जोड़ी रो जालम ले चाल्यो।
हे खाता खारक ने खोपरा
रमता सहेलियां रे साथ
मेले से हंसियों लेइ चाल्यों
हे पाक्या आवां ने आबंला
हे पाक्यां दाड़म ने दाख
म्लेइ ने फूटर मल वो चाल्यो
म्हें थाने पूंछा म्हारी धीयड़ी
इतरों बापा जी रो लाड़, छोड़ने बाई सिध चाल्या।