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"रोटी का सवाल / अशोक चक्रधर" के अवतरणों में अंतर
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− | सिर्फ़ एक रोटी का सवाल है। | + | सिर्फ़ एक रोटी का सवाल है।<br> |
01:53, 31 दिसम्बर 2007 के समय का अवतरण
कितनी रोटी
गाँव में अकाल था,
बुरा हाल था।
एक बुढ़ऊ ने
समय बिताने को,
यों ही पूछा
मन बहलाने को-
ख़ाली पेट पर
कितनी रोटी खा सकते हो
गंगानाथ ?
गंगानाथ बोला-
सात !
बुढ़ऊ बोला-
ग़लत !
बिलकुल ग़लत कहा,
पहली रोटी
खाने के बाद
पेट ख़ाली कहाँ रहा।
गंगानाथ,
यही तो मलाल है,
इस समय तो
सिर्फ़ एक रोटी का सवाल है।