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"साईं अवसर के परे / गिरिधर" के अवतरणों में अंतर

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19:27, 10 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

साईं, बैर न कीजिए, गुरु, पंडित, कवि, यार।
बेटा, बनिता, पँवरिया, यज्ञ–करावनहार॥

यज्ञ–करावनहार, राजमंत्री जो होई।
विप्र, पड़ोसी, वैद्य, आपकी तपै रसोई॥

कह गिरिधर कविराय, जुगन ते यह चलि आई।
इअन तेरह सों तरह दिये बनि आवे साईं॥