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पिया बिनु बैरिन बयस भई / स्वामी सनातनदेव
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11:03, 25 नवम्बर 2014
जो विधना यह वयस न देती, होति न विपत्ति जई॥2॥
वैरिन वयस जरावति दिन-दिन छिन-छिन नित्य नई।
बिना पियाके मिले जियन मीचुहुँतें
मीच
नीच
भई॥3॥
</poem>
Sharda suman
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