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"रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ / बिहारी" के अवतरणों में अंतर

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रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ।
 
रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ।
 
प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी, जाणे कमलकी पाँखड़ियाँ॥
 
प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी, जाणे कमलकी पाँखड़ियाँ॥
 
सुंदर रूप लुभाई गति मति, हो गईं ज्यूँ मधु माँखड़ियाँ।
 
सुंदर रूप लुभाई गति मति, हो गईं ज्यूँ मधु माँखड़ियाँ।
 
रसिक बिहारी वारी प्यारी, कौन बसी निस काँखड़ियाँ॥
 
रसिक बिहारी वारी प्यारी, कौन बसी निस काँखड़ियाँ॥
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14:12, 29 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ।
प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी, जाणे कमलकी पाँखड़ियाँ॥
सुंदर रूप लुभाई गति मति, हो गईं ज्यूँ मधु माँखड़ियाँ।
रसिक बिहारी वारी प्यारी, कौन बसी निस काँखड़ियाँ॥