भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दयाराम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachnakaar |चित्र= |नाम=दयाराम |उपनाम= |जन्म=1775 |मृत्यु=1853 |जन्मस्था…) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKAnooditRachnakaar | {{KKAnooditRachnakaar | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र=Dayaram.jpg |
|नाम=दयाराम | |नाम=दयाराम | ||
− | |उपनाम= | + | |उपनाम=[[દયારામ]] |
|जन्म=1775 | |जन्म=1775 | ||
|मृत्यु=1853 | |मृत्यु=1853 |
14:10, 12 जनवरी 2015 का अवतरण
दयाराम
जन्म: 1775
निधन: 1853
उपनाम
जन्म स्थान
चाणोद, गुजरात, भारत ।
कुछ प्रमुख कृतियाँ
प्रभोद भावनी,भगवदगीता माहात्म्य,भुजंग प्रयात,अनुभव मंजरी,प्रत्यक्शानुभव,स्वपनानुभव मंजरी। आख्यान रुक्मिणी विवाह,सत्यभामा विवाह,ओखाहरण,श्रीकृष्ण जन्म खंड,पत्र लीला.रस लीला,कमल लीला ।
विविध
हिंदी,मराठी,ब्रज और संस्कृत में भी पद लिखे । ब्रह्म-सत्य और जगत भी सत्य की धारणा में विश्वास । उच्च शास्त्रीय हवेली संगीत के जानकार । पुष्टि संप्रदाय के प्रति दृढ़ आस्थावान । उल्लेखनीय कृति 'रसिक वल्लभ' में केवलाद्वैत सिध्दांत का खंडन तथा शुध्दाव्दैत सिध्दांत का मंडन किया । भक्तियुग की लोकप्रिय विधा है बारमासी । दयाराम ने वालाजी की, रसियाजी की और राधिका विरह की इस तरह तीन बारह-मासियाँ लिखीं । गुजरातियों का नववर्ष कार्तिक प्रथमा से आरंभ होता है, अतः ये बारमासियाँ भी यहीं से आरंभ होती हैं ।
जीवन परिचय
अभी इस पन्ने के लिये छोटा पता नहीं बना है। यदि आप इस पन्ने के लिये ऐसा पता चाहते हैं तो kavitakosh AT gmail DOT com पर सम्पर्क करें।
क्रान्ति कनाटे द्वारा अनूदित