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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जगेसर खेले हालरो वो
माता कांकी बऊ घोल्यो थारो लोपणो
माता कांकी बऊ ने पुरविया मोती चौक
माता कांकी बऊ ने भरिया थारा बेड़ला
माता कांकी बऊ ने बोया थारा जाग
जगेसर खेले हालरो
माता कांकी बऊ खे दीजो नंद डीकरो
माता कांकी बऊ खे अखंड अपात
माता आसिहो चूड़ो ने अम्मर चांदली
आखियो धन केसरिया रो राज।