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"अतना गुमान काहे / सूर्यदेव पाठक 'पराग'" के अवतरणों में अंतर

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13:33, 30 मार्च 2015 के समय का अवतरण

अतना गुमान काहे
जिनगी झँवान काहे

अँखिया झरे अनेरे
ई अर्ध्यदान काहे

कइले मिरी हमेशा
अफरा में प्रान काहे

जब आचरण सही ना
पवलऽ तू ज्ञान काहे

नजरो से देखला पर
अउरी प्रमान काहे

लिखिहें ‘पराग’ मन से
पइहें ना मान काहे