भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन / भजन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKBhaktiKavya |रचनाकार= }} श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ।<br> नवकञ्...)
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
  
 
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ।<br>
 
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ।<br>
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुखकर कञ्जपद कञ्जारुणम् ॥ १॥<br><br>
+
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणम् ॥ १॥<br><br>
  
 
कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् ।<br>
 
कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् ।<br>

15:37, 12 मार्च 2008 का अवतरण

रचनाकार:                  

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ।
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणम् ॥ १॥

कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् ।
पटपीत मानहुं तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरम् ॥ २॥

भजु दीन बन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकन्दनम् ।
रघुनन्द आनंदकंद कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् ॥ ३॥

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणम् ।
आजानुभुज सर चापधर सङ्ग्राम जित खरदूषणम् ॥ ४॥

इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् ।
मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् ॥ ५॥