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बहुत मशहूर दुनिया में हमारा यह अखाड़ा है,
भयंकर भीम भी आकर यहाँ पढ़ता पहाड़ा है।
बहादुर वीर रुस्तम से यहाँ सुहराब लड़ता है,
यहाँ बलवान गामा है जिविस्को भी पछड़ता है।
सितारे हिंद है कोई यहाँ वनराज है कोई,
हिरण पर शेर है कोई बया पर बाज़ है कोई।
यहाँ खरगोश ने धर कर शिकारी को पछाड़ा है,
बहुत मशहूर दुनिया में हमारा यह अखाड़ा है।
हमारे इस अखाड़े में कन्हैयालाल लड़ते हैं,
बहुत से भूत लड़ते हैं, बहुत बेताल लड़ते हैं।
बहुत चौबे, बहुत छब्बे, बहुत दुब्बे लपटते हैं,
यहाँ चूहे मिलाकर हाथ, बिल्ली पर झपटते हैं।
नदी की एक मछली से यहाँ घड़ियाल हारा है,
बहुत मशहूर दुनिया में हमारा यह अखाड़ा है!
-साभार: कागज की नाव, आरसीप्रसाद सिंह, 48-50