भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वीर हनुमाना अति बलवाना / भजन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(New page: वीर हनुमाना अति बलवाना राम राम रटीयो रे मेरे मन बसियो रे न कोई संगी सा...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) छो (वीर हनुमाना अति बलवाना moved to वीर हनुमाना अति बलवाना / भजन) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:43, 20 फ़रवरी 2008 का अवतरण
वीर हनुमाना अति बलवाना
राम राम रटीयो रे
मेरे मन बसियो रे
न कोई संगी साथ की तंगी
विनती सुनियो रे ... मेरे मन बसियो रे