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"मौसम आते जाते हैं / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर
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15:20, 8 फ़रवरी 2016 का अवतरण
मौसम आते जाते हैं
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रचनाकार | निदा फ़ाज़ली |
---|---|
प्रकाशक | डायमंड पाकेट बुक |
वर्ष | 2007 |
भाषा | |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 159 |
ISBN | 81-288-0941-5 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता / निदा फ़ाज़ली
- इन्सान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी / निदा फ़ाज़ली
- बदला न अपने आपको जो थे वही रहे / निदा फ़ाज़ली
- सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो / निदा फ़ाज़ली
- हम हैं कुछ अपने लिए कुछ हैं ज़माने के लिए / निदा फ़ाज़ली
- कहीं-कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है / निदा फ़ाज़ली
- बेनाम-सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता / निदा फ़ाज़ली
- हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी / निदा फ़ाज़ली
- मन बैरागी, तन अनुरागी, क़दम-क़दम दुश्वारी है / निदा फ़ाज़ली
- अपनी मर्ज़ी से कहाँ / निदा फ़ाज़ली
- दिल में न हो ज़ुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती / निदा फाज़ली
- देखा हुआ सा कुछ है / निदा फाज़ली
- अपना गम लेके कहीं और न जाया जाए / निदा फाज़ली