भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तखनी बुझिएं / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमरेन्द्र |अनुवादक= |संग्रह=तुक्त...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:09, 6 मई 2016 के समय का अवतरण

लगे छड़क्का घोड़ा सरपट
खैबैं धौल जों करबे खटपट
दाँत नै धोबे कीड़ा फरतौ
हिली-हिली केॅ टुपटुप गिरतौ।