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"धुनियाँ / पतझड़ / श्रीउमेश" के अवतरणों में अंतर

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03:14, 2 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

ढोंढू धुनियाँ धुनकी लेॅ केॅ ऐलोॅ छै मिसरोॅ कन आज।
रूइया केॅ धुनवाय केॅ मिसरें भरबैतै गिलेफ के साज॥
”बकधुँयँ-बकधुँयँ बकधुँय ँ धनियाँ धूनै छै रुइया।
रुइया धुनी, भरि गिलेफ, माँगै छै बें धागा सुइया॥
तागो कॅ गिलेफ देतै मिसरैनियों सुतती ओढ़ी केॅ
रुइया उड़लोॅ पुड़लोॅ जे छेॅ धुनियाँ लेलकोॅ बोढ़ी केॅ॥