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"चींटियाँ-2 / हरीशचन्द्र पाण्डे" के अवतरणों में अंतर
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04:38, 5 जुलाई 2016 के समय का अवतरण
लम्बी कूच पर निकली हैं ये
छोटे बच्चों ने कहा,
नहीं-प्रभात फेरी पर निकली हैं
लड़कों ने कहा,
वहाँ बिलों के भीतर लटके हैं। कई-कई पदक
बड़े-बूढ़ों ने कहा-
इसे कहते हैं अनुशासन
घर चलाना हो या मुल्क
ये बहुत जरूरी है
चींटियों ने मिलकर घसीटा एक तिलचट्टे को
शोधार्थियों ने कहा,
संगठनों का अभ्युदय यहीं से होता है
फुर्सत निकाल कर गृहणियों ने भी देख चींटियों को
और कहने लगीं,
-हमसे ज्यादा भला क्या खो गया होगा इनका...