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"लोगों के लिए गीत / महमूद दरवेश" के अवतरणों में अंतर
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कारखाने अस्पताल और मकान | कारखाने अस्पताल और मकान | ||
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विद्यालय, बम और मिसाईल | विद्यालय, बम और मिसाईल | ||
हम जानते हैं | हम जानते हैं | ||
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कैसे लिखी जाती है सुन्दर कविता | कैसे लिखी जाती है सुन्दर कविता | ||
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03:01, 5 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
आओ ! दुख और ज़ंजीर के साथियों
हम चलें कुछ भी न हारने के लिए
कुछ भी न खोने के लिए
सिवा अर्थियों के
आकाश के लिए हम गाएँगे
भेजेंगे अपनी आशाएँ
कारखानों और खेतों और खदानों में
हम गाएँगे और छोड़ देंगे
अपने छिपने की जगह
हम सामना करेंगे सूरज का
हमारे दुश्मन गाते हैं —
"वे अरब हैं... क्रूर हैं..."
हाँ, हम अरब हैं
हम निर्माण करना जानते हैं
हम जानते हैं बनाना
कारखाने अस्पताल और मकान
विद्यालय, बम और मिसाईल
हम जानते हैं
कैसे लिखी जाती है सुन्दर कविता
और संगीत...
हम जानते हैं
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय