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"मैं तैयार नहीं था / भवानीप्रसाद मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=भवानीप्रसाद मिश्र  
 
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}}मैं तैयार नहीं था सफ़र के लिए<br>
 
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भूचाल या आसमानी सुलतानी का दिन नहीं था<br>
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कि भाग रहे हों सड़क पर जैसे-तैसे सब<br><br>
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इसलिए मैंने थोड़ा वक़्त चाहा<br>
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रख लूँ साथा में थोड़ा तोशा<br>
 
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मगर जो सफर पर चल पड़ने का<br>
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मगर जो सफ़र पर चल पड़ने का<br>
 
आग्रह लेकर आया था<br>
 
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उसने मुझे वक्त नहीं दिया<br>
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लिए जा रहा है वह<br>
 
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कितने लोगों के बीच से<br>
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कि सफर की तैयारी से<br>
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नहीं निकल पाया<br>
 
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सिर्फ चड्डी पहने हूँ<br>
 
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और बनियान !<br><br>
 
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03:07, 10 अगस्त 2016 के समय का अवतरण

मैं तैयार नहीं था सफ़र के लिए

याने सिर्फ़ चड्डी पहने था और बनियान
एकदम निकल पड़ना मुमकिन नहीं था

और वह कोई ऐसा बमबारी
भूचाल या आसमानी सुलतानी का दिन नहीं था
कि भाग रहे हों सड़क पर जैसे-तैसे सब

इसलिए मैंने थोड़ा वक़्त चाहा
कि कपड़े बदल लूँ
रख लूँ साथा में थोड़ा तोशा
मगर जो सफ़र पर चल पड़ने का
आग्रह लेकर आया था
उसने मुझे वक़्त नहीं दिया
और हाथ पकड़कर मेरा
लिए जा रहा है वह
जाने किस लम्बे सफ़र पर
कितने लोगों के बीच से

और मैं शरमा रहा हूँ
कि सफ़र की तैयारी से
नहीं निकल पाया
सिर्फ चड्डी पहने हूँ
और बनियान !