भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"लामणु लान्दरिय किति लामण जाणे / गढ़वाली" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=गढ़वाली }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
04:33, 6 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
लामणु लान्दरिय<ref>गानेवाली</ref> किति<ref>कितने</ref> लामण जाणे,
डोडी<ref>पोस्त</ref> के भित्तर किती फीमेर दाणे<ref>दाने</ref>।
लाऊँ<ref>गाऊं</ref> लामण, लाऊँ देवोरा बुंगा,
कोई शुण टीर कोई शुण वाडवा तुंगा।
लाऊँ लामण जाण कीणई जाला
शब्दार्थ
<references/>