भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बस स्टैंड / हरूमल सदारंगाणी 'ख़ादिम'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरूमल सदारंगाणी 'ख़ादिम' |अनुवादक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:44, 24 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

चौतरफ़ घर
वॾो मैदानु
डिं/गा पेच ऐं गस
हिक किनारे ते
खुतल लोही लठि
लटिकन्दड़ उन ते
पटी चौकुंडी
ऐं बस नम्बरु

मुंहिंजेलड़
एतिरो काफ़ी
त इन्हीअ लठि भरिसां
आहियां मां ई
बस स्टैंड
अजब खख़्सियत।

हिति मुसाफ़िर अचनि
बीहनि विहनि
ऐं ॻाल्हियूं कनि
प्यार जो ज़िकिरु