भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"भगवान बुद्ध" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | [[भगवान बुद्ध]] | + | <poem>[[भगवान बुद्ध]] |
राजकुमार सिद्धार्थ | राजकुमार सिद्धार्थ | ||
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
बन पा रहा हूँ | बन पा रहा हूँ | ||
क्यों ? | क्यों ? | ||
+ | </poem> |
21:27, 4 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
भगवान बुद्ध
राजकुमार सिद्धार्थ
तुमने दूर से ही देखा था
एक रोगी
एक वृद्ध
एक शव
और राजभवन छोड़ कर
वन में चले गए
भगवान बुद्ध बन गए |
मैं स्वयं एक रोगी हूँ
वृद्ध हूँ
शव हूँ
फिर भी कुछ नहीं
बन पा रहा हूँ
क्यों ?