भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मंगलाचरण / कैलाश पण्डा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
|संग्रह=स्पन्दन / कैलाश पण्डा
 
|संग्रह=स्पन्दन / कैलाश पण्डा
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
ओ ध्वनि के जीवन धन
 
ओ ध्वनि के जीवन धन

18:35, 12 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

ओ ध्वनि के जीवन धन
तुम ही हो औंकार
अनुभूति के संवाहक हो
अंकनी के सृजनहार
भावों को साकार करो
ओ शब्द करो निर्माण।