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ना डिगेगा पथ से इतर अपने दे वचन
करेगा स्वप्न सब साकार अपने दे वचन
अपने में भर नेकियाँ रख यही तू खूबियाँ
कर्म सभी तू पूर्ण कर अपने दे वचन
आचरण विचारकर, संस्कार संभालकर
मन को मंदिर सा कर, अपने दे वचन
सिंह सा दहाड़कर, दानवों को मारकर
जग पापियों से रिक्त कर अपने दे वचन
दिल पे अपने रख हाथ, कर भारती की जयकार
करेगा नाम इसका तू अमर अपने दे वचन