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"किरदार / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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जो थोड़े में गुज़ारा  कर रहा है
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सन्तुष्ट है और खुश
 
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23:00, 1 जनवरी 2017 का अवतरण

एक वह है
जिसे देह का सुख
निगल रहा है
दूसरा वह है
जिसे आत्मा का सुख
मुक्त कर रहा है

एक वह है
जिससे ईश्वर ने सारी न्यामतें छीन लीं
फिर भी वह धनसंचय के पीछे पड़ा हुआ है
दूसरा वह है
जो थोड़े में गुज़ारा कर रहा है
लिप्सा से दूर
खुले आसमान के नीचे
सन्तुष्ट है और खुश