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|कृतियाँ=''गीत-संग्रह:'' पिन बहुत सारे (1972), भीतर साँकलः बाहर साँकल (1978), उर्वशी हो तुम, (1987), झुलसो मत मोरपंख (1990), एक दीप चौमुखी (1997), नदी पसीने की (2005), [[दिन दिवंगत हुए / कुँअर बेचैन | दिन दिवंगत हुए]] (2005), ''ग़ज़ल-संग्रह:'' शामियाने काँच के (1983), महावर इंतज़ारों का (1983), रस्सियाँ पानी की (1987), पत्थर की बाँसुरी (1990), दीवारों पर दस्तक (1991), नाव बनता हुआ काग़ज़ (1991), आग पर कंदील (1993), आँधियों में पेड़ (1997), आठ सुरों की बाँसुरी (1997), आँगन की अलगनी (1997), तो सुबह हो (2000), [[कोई आवाज़ देता है / कुँअर बेचैन | कोई आवाज़ देता है]] (2005); ''कविता-संग्रह:'' नदी तुम रुक क्यों गई (1997), शब्दः एक लालटेन (1997); ''उपन्यासः'' मरकत द्वीप की नीलमणि (1997); ''अन्य:'' ग़ज़ल का व्याकरण (1997); पाँचाली (महाकाव्य) | |कृतियाँ=''गीत-संग्रह:'' पिन बहुत सारे (1972), भीतर साँकलः बाहर साँकल (1978), उर्वशी हो तुम, (1987), झुलसो मत मोरपंख (1990), एक दीप चौमुखी (1997), नदी पसीने की (2005), [[दिन दिवंगत हुए / कुँअर बेचैन | दिन दिवंगत हुए]] (2005), ''ग़ज़ल-संग्रह:'' शामियाने काँच के (1983), महावर इंतज़ारों का (1983), रस्सियाँ पानी की (1987), पत्थर की बाँसुरी (1990), दीवारों पर दस्तक (1991), नाव बनता हुआ काग़ज़ (1991), आग पर कंदील (1993), आँधियों में पेड़ (1997), आठ सुरों की बाँसुरी (1997), आँगन की अलगनी (1997), तो सुबह हो (2000), [[कोई आवाज़ देता है / कुँअर बेचैन | कोई आवाज़ देता है]] (2005); ''कविता-संग्रह:'' नदी तुम रुक क्यों गई (1997), शब्दः एक लालटेन (1997); ''उपन्यासः'' मरकत द्वीप की नीलमणि (1997); ''अन्य:'' ग़ज़ल का व्याकरण (1997); पाँचाली (महाकाव्य) | ||
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+ | इसी प्रकार देश विदेश की लगभग दो सौ संस्थाओं द्वारा सम्मानित | ||
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+ | * [[रिश्तों को घर दिखलाओ / कुँअर बेचैन]] | ||
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+ | * [[चेतना उपेक्षित है/ कुँअर बेचैन]] | ||
+ | * [[संक्रमण/ कुँअर बेचैन]] | ||
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+ | * [[तुम्हारे हाथ में टँककर/ कुँअर बेचैन]] | ||
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+ | * [[शोकपत्र के ऊपर / कुँअर बेचैन]] | ||
+ | * [[हम सुपारी-से/ कुँअर बेचैन]] | ||
+ | * [[सर्दियाँ (१)/ कुँअर बेचैन]] | ||
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+ | * [[पिता/ कुँअर बेचैन]] | ||
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+ | * [[पुत्र, तुम उज्ज्वल भविष्यत् फल/ कुँअर बेचैन]] | ||
+ | * [[बंधु/ कुँअर बेचैन]] | ||
+ | * [[मछली का यह कथन/ कुँअर बेचैन]] | ||
+ | * [[पंछियों को फिर कहाँ पर ठौर है/ कुँअर बेचैन]] | ||
+ | * [[चीज़ें बोलती हैं। / कुँअर बेचैन]] |
15:36, 22 जनवरी 2008 का अवतरण
कुँअर बेचैन की रचनाएँ
कुँअर बेचैन
जन्म | 01 जुलाई 1942 |
---|---|
उपनाम | बेचैन |
जन्म स्थान | ग्राम उमरी, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
गीत-संग्रह: पिन बहुत सारे (1972), भीतर साँकलः बाहर साँकल (1978), उर्वशी हो तुम, (1987), झुलसो मत मोरपंख (1990), एक दीप चौमुखी (1997), नदी पसीने की (2005), दिन दिवंगत हुए (2005), ग़ज़ल-संग्रह: शामियाने काँच के (1983), महावर इंतज़ारों का (1983), रस्सियाँ पानी की (1987), पत्थर की बाँसुरी (1990), दीवारों पर दस्तक (1991), नाव बनता हुआ काग़ज़ (1991), आग पर कंदील (1993), आँधियों में पेड़ (1997), आठ सुरों की बाँसुरी (1997), आँगन की अलगनी (1997), तो सुबह हो (2000), कोई आवाज़ देता है (2005); कविता-संग्रह: नदी तुम रुक क्यों गई (1997), शब्दः एक लालटेन (1997); उपन्यासः मरकत द्वीप की नीलमणि (1997); अन्य: ग़ज़ल का व्याकरण (1997); पाँचाली (महाकाव्य) | |
विविध | |
आपका मूल नाम कुँअर बहादुर सक्सेना है। हिंदी साहित्य पुरस्कार (1997), उ०प्र० हिंदी संस्थान का साहित्य भूषण (2004), पिन बहुत सारे (२००७), जी हाँ, मैं ग़ज़ल हूँ (मिर्ज़ा गा़लिब के जीवन पर आधारित एक रोचक उपन्यास), डॉ० कुँअर बेचैन के नवगीत (२००६), डॉ० कुँअर बेचैन के प्रेमगीत (२००६),ग़ज़ल का व्याकरण (द्वितीय संस्करण) २००६.
इसी प्रकार देश विदेश की लगभग दो सौ संस्थाओं द्वारा सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
कुँअर बेचैन / परिचय |
- दिन दिवंगत हुए / कुँअर बेचैन
- कोई आवाज़ देता है / कुँअर बेचैन
- लौट आ रे / कुँअर बेचैन
- जिस मृग पर कस्तूरी है / कुँअर बेचैन
- सोख न लेना पानी / कुँअर बेचैन
- वर्ना रो पड़ोगे ! / कुँअर बेचैन
- चल हवा / कुँअर बेचैन
- दो चार बार हम जो कभी / कुँअर बेचैन
- उँगलियाँ थाम के खुद / कुँअर बेचैन
- चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया / कुँअर बेचैन
- शाख़ पर एक फूल भी है / कुँअर बेचैन
- बेटियाँ / कुँअर बेचैन
- कोई रस्ता है न मंज़िल / कुँअर बेचैन
- नव-गीत / कुँअर बेचैन
- ज़िंदगी यूँ भी जली / कुँअर बेचैन
- मध्मवर्गीय पत्नी से / कुँअर बेचैन
- अगर हम अपने दिल को / कुँअर बेचैन
- सबकी बात न माना कर / कुँअर बेचैन
- आदमी / कुँअर बेचैन
- ज़िन्दगी / कुँअर बेचैन
- तू फूल की रस्सी न बुन / कुँअर बेचैन
- तुम्हारे हाथ से टंक कर / कुँअर बेचैन
- जिसे बनाया वृद्ध पिता के श्रमजल ने/ कुँअर बेचैन
- मौत तो आनी है तो फिर मौत का क्यों डर रखूँ / कुँअर बेचैन
- पिन बहुत सारे/ कुँअर बेचैन
- ढूँढे़ नया मकान / कुँअर बेचैन
- रात कहाँ बीते/ कुँअर बेचैन
- बीजगणित-सी शाम / कुँअर बेचैन
- दिन से लंबा ख़ालीपन/ कुँअर बेचैन
- अँधेरी खाइयों के बीच/ कुँअर बेचैन
- पेड़ बबूलों के/ कुँअर बेचैन
- पेड़ बबूलों के/ कुँअर बेचैन
- सुबह/ कुँअर बेचैन
- शाम/ कुँअर बेचैन
- गोरी धूप चढ़ी/ कुँअर बेचैन
- वर्षा-दिनः एक आफि़स/ कुँअर बेचैन
- अंतर/ कुँअर बेचैन
- रिश्तों को घर दिखलाओ / कुँअर बेचैन
- आँगन की अल्पना सँभालिए/ कुँअर बेचैन
- जिस रोज़ पछवा चली/ कुँअर बेचैन
- चेतना उपेक्षित है/ कुँअर बेचैन
- संक्रमण/ कुँअर बेचैन
- लोहे ने कब कहा/ कुँअर बेचैन
- तुम्हारे हाथ में टँककर/ कुँअर बेचैन
- चिट्ठी है किसी दुखी मन की/ कुँअर बेचैन
- शोकपत्र के ऊपर / कुँअर बेचैन
- हम सुपारी-से/ कुँअर बेचैन
- सर्दियाँ (१)/ कुँअर बेचैन
- सर्दियाँ (३)/ कुँअर बेचैन
- घर/ कुँअर बेचैन
- माँ / कुँअर बेचैन
- पिता/ कुँअर बेचैन
- पत्नी/ कुँअर बेचैन
- पुत्र, तुम उज्ज्वल भविष्यत् फल/ कुँअर बेचैन
- बंधु/ कुँअर बेचैन
- मछली का यह कथन/ कुँअर बेचैन
- पंछियों को फिर कहाँ पर ठौर है/ कुँअर बेचैन
- चीज़ें बोलती हैं। / कुँअर बेचैन