भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अबो अंधो / मुकेश तिलोकाणी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश तिलोकाणी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
16:39, 6 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
अबे
हाणि त अञा
अखियुनि जो आपरेशनु कराए
नूर वधायो!
डाक्टर खे
अंग सुञाणे ॿुधाया
किताब परखे ॾिना
हलंदडु वक़्तु ॿुधायो।
डाक्टर खु़शि थी
बुशर्ट जो कालरु
ठीकु करे चयुसि
आपरेशन सकसेसु।
वरी हथ अखियुनि ते
घर जा भाती नथो सुञाणे!
भाऊअ जो सुवालु
हीअ केरु? हू केरू?
सुञाणो।
अबो चुप
ॿार वराणियो
अबो, अंधो आहे!