Changes

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=फ़ानी बदायूनी
|संग्रह=
}}
 
एक मोअ'म्मा है समझने का ना समझाने का<br>
ज़िन्दगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का<br><br>