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"मैं नहीं जानता / विनोद शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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13:51, 15 मार्च 2017 के समय का अवतरण

जिस शहर में
नैतिकता के मुद्दे पर बुद्धिजीवी
उन वकीलों की तरह बहस करते हों
जो केस जिताने का झूठा वादा कर
अपनी फीस के नाम पर
ऐंठ चुके हैं हत्यारों से मोटी रकम

वहां बुद्धिजीवियों की
उस कभी न खत्म होने वाली बहस में
हस्तक्षेप करने के लिए
मुझे कैसी कविता लिखनी चाहिए

मैं नहीं जानता।