भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
हादसा हर दफा नहीं होता । <br><br>
जख्मेदिल फिर हरा नहीं होता, <br>
आजकल वो ख्ाफा खफा नहीं होता । <br><br>
साँस लेने का मोल लेते हो, <br>
इससे कोई नफा नहीं होता । <br><br>
आदमी की बिसात क्या होगी, <br>
आदमी तो खुदा नहीं होता । <br><br>
उम्र भर ?"निर्विरोध? " रह के जिये, <br>वरना दुनिया में ?क्या नहीं? होता ?