भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दल बदलू / मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी' |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:28, 10 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

मास्टर साहब बोललै एक दिन
कौनें कहतै ऐन्हऽ नाम
रूप-ओ बदलै जौने अपनऽ
डेगे डेगे, ठामें-ठाम।

सुनत्हैं मंटा उठिये गेलै
करजोरी करकै प्रणाम
आय चलियै हमरा साथें
देखियै दल-बदलू के काम।

माथऽ पर ई बाल बिराजै
भौहें आँखी उपरें
पलकऽ पर ई पिपनी बोलै
आरो नाकी तरें।

ठोरें उपरें मोछ कहै छै
दाढ़ी गालें उपरे
छाती पर थोड़े लहरावै
आरो कांखी तरें।

पेटऽ पर ई दर्शन करियै
फिरू आगू चलियै
सुनत्हैं गुरूजी बोललै
बहुतें देखलौं धाम।

अबेॅ नै देखबऽ दल-बदलू केॅ
रे मंटा तोंय ऊपरे थाम
ई रंग दल बदलू से मंटा
के नै कहाँ कहाँ परेशान
कन्हौं ननका लीक्खर चूसै
कन्हौं ढीलें हिन्दुस्तान।