भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ढेरे योगी / मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी' |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:42, 10 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
ढेरे योगी मट्ठ उजार
कोइये खोखै कोय बीमार।
केकर्हो जट्टोॅ केकर्हौ चुट्टा
कोइये बंधलोॅ कोइये छुट्टा
कोय अखड़ियल कोय सरदार।
नट-नट्टिन केॅ लागै तमाशा
कोय अक्षत कोय छिटै बतासा
मुड़ी डुलावै बजवै तार॥
कोय खाबी देलकै ओॅछरी
केकड़ा-बिच्छोॅ भरलै टोॅकरी
चलत्हें-गाड़ी भेल उलार॥
बाढ़ोॅ के जल तोड़कै पूल
बनलै रोगी धरकै शूल
अनपच भेलै खट्टा डकार।
‘रानीपुरी’ संभालोॅ मट्ठ
सड़लोॅ आम निकालोॅ झट
फेकोॅ दागी आम किनार
ढेरो योगी मट्ठ उजार॥