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"बदलाव / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय" के अवतरणों में अंतर

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हेना रीढ़ बिना विषधर रेंगतेॅ हए
 
हेना रीढ़ बिना विषधर रेंगतेॅ हए
 
लोगोॅ सें
 
लोगोॅ सें
भरलोॅ जाय रहलोॅ छै समाज ।
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भरलोॅ जाय रहलोॅ छै समाज।
 
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22:00, 11 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

कछुवा नें
कछुवी सें कहलकै-
रीढ़ विहिन साँप रेंगै छै
आदमी के पासोॅ में
नैतिक या आत्मिक
रीढ़ के हड्डी बचले नै
हेना रीढ़ बिना विषधर रेंगतेॅ हए
लोगोॅ सें
भरलोॅ जाय रहलोॅ छै समाज।