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"भादॅ के रात / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=भवप्रीतानन्द ओझा
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|रचनाकार=अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'
 
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|संग्रह=अंगिका के प्रतिनिधि प्रकृति कविता / गंगा प्रसाद राव
 
|संग्रह=अंगिका के प्रतिनिधि प्रकृति कविता / गंगा प्रसाद राव

13:45, 14 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

आबी गेलै भादॅ के रतिया हे सखि जुलमी अंधिरिया
छर छर चुऐ छै ओसरा के आरियानी
ठेहनॅ भर भरलॅ छै ऐंगना में पानी
के सुनतै दुखिया के बतिया हे सखी जुलमी अंधिरिया
पापी पपिहरा के बोलिया जराय छै
मेघवा के गड़ गड़ सें जियरा डराय छै
धड़ धड़ धड़ धड़कै छै छतिया हे सखि जुलमी अंधिरिया
बलमू बेदरदी जे भेलै परदेसिया
भरलॅ जवानी सखि भै गेल मटिया
अस मस मस मसकै छै अंगिया हे सखि जुलमी अंधिरिया

- शिवजी हीरो बनॅ हो सें