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13:53, 14 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
आबी गेलै झकसी के दिन फनू घुरि फिरि
आबी गेलै मेघराज हवा पेॅ सबार हो
आँखी आगू तार बुनै, नै छै आर-पार सूझै
दुखिया रॅ दिन होलै खोजरी पहार हो
छपरी अकास लागै घरवा बैहार लागै
ओसरा दलान होलै सुअरी खोहार हो
भभरी भभरी गिरै देबारी के मांटी झरै
हहरी हहरी करै दुखिया गोहार हो