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मन किसी का क्या पता कितना है गहरा / डी. एम. मिश्र
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09:39, 5 अगस्त 2017
<poem>
मन किसी का क्या पता कितना है गहरा।
आइने के सामने चेहरा
क्योंत
क्यों
उतरा।
देखते ही देखते ये क्या हुआ है,
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