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+ | * [[दिन गुज़रता ये गिरता-पड़ता हुआ / महेश अश्क]] | ||
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+ | * [[आप कहते हैं जो है पैसा है / महेश अश्क]] |
13:01, 30 अक्टूबर 2017 का अवतरण
महेश अश्क
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
महेश अश्क / परिचय |
ग़ज़लें
- यहीं एक प्यास थी, जो खो गई है / महेश अश्क
- अब तक का इतिहास यही है, उगते हैं कट जाते हैं / महेश अश्क
- न मेरा जिस्म कहीं औ' न मेरी जाँ रख दे / महेश अश्क
- गर सफर में निकल नहीं आते / महेश अश्क
- नहीं था, तो यही पैसा नहीं था / महेश अश्क
- मस्खरे तलवार लेकर आ गए / महेश अश्क
- खिलौने तोड़ते, पर तितलियों के नोचते बच्चे/ महेश अश्क
- तमाशा आँख को भाता बहुत है / महेश अश्क
- बिजलियाँ, लपटें, आशियाँ और हम / महेश अश्क
- दिन गुज़रता ये गिरता-पड़ता हुआ / महेश अश्क
- तुझ में तुझ से अलग जो है पलता / महेश अश्क
- आप कहते हैं जो है पैसा है / महेश अश्क