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निर्मम कामनाएँ छलिया प्रेमी की / कविता भट्ट
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02:27, 14 फ़रवरी 2018
काया को बाँहों में समेटने की,
सागर को
अंजुल्यों
अंजुलियों
में भरने की,
और रेत को मुठ्ठी में भरने की,
वीरबाला
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