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"बड़ी लड़की / प्रज्ञा रावत" के अवतरणों में अंतर
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22:05, 27 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण
सूरज उगा
डूबा
दिन चढ़ा
उतरा
बचपन आया जवानी गई
घर की बड़ी लड़की ने
सूरज उगने से पहले
घर का रेशा-रेशा चमकाया
कोना-कोना महकाया
ठण्ड में तपिश पैदा की
गर्मी में घनेरी छाया
शाम ढलने से पहले घर को
फिर से सजाया-जगाया
घर को अनिष्ट से बचाने के लिए
जाने क्या-क्या जतन किए
और ख़ुद
हर बार डूब गई
डूबते सूरज के साथ
उगते और डूबते सूरज की
लालिमा को
एक बार देखने की लालसा में
हर बार डूबी है
घर की बड़ी लड़की।