भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हृदय का मूल्य / रामेश्वरलाल खंडेलवाल 'तरुण'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामेश्वरलाल खंडेलवाल 'तरुण' |अनुव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:59, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
एक चूड़ी टूटती-तो हाय, हो जाता अमंगल!
मेघ में बिजली कड़कती-काँपता सम्पूर्ण जंगल!
भाग्य के लेखे लगाते-एक तारा टूटता तो!
अपशकुन-शृंगारिणी के हाथ शीशा छूटता तो!
दीप की चिमनी चटकती-चट तिमिर का भय सताता!
कौन सुनता स्फोट? पर, कोई हृदय यदि टूट जाता!