"शकुन्तला-दुष्यंत / राजेराम भारद्वाज" के अवतरणों में अंतर
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# सांग–शकुंतल-दुष्यंत # अनुक्रमांक-18 # | # सांग–शकुंतल-दुष्यंत # अनुक्रमांक-18 # | ||
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हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै, | हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै, | ||
हाथ जोड़ले के नहीं माफ, कसूर भी होज्याया करै॥ टेक॥ | हाथ जोड़ले के नहीं माफ, कसूर भी होज्याया करै॥ टेक॥ | ||
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बसज्या पाट कुटम्ब तै न्यारा, आदमी का रहै ओड़ै भाईचारा, | बसज्या पाट कुटम्ब तै न्यारा, आदमी का रहै ओड़ै भाईचारा, | ||
मेल करे तै दुश्मन प्यारा, हजुर भी होज्याया करै, | मेल करे तै दुश्मन प्यारा, हजुर भी होज्याया करै, | ||
24 घंटे पास रहणीयाँ, दूर भी होज्याया करै॥ | 24 घंटे पास रहणीयाँ, दूर भी होज्याया करै॥ | ||
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गुंठी पागी पड़ी थी जल मै, शकुन्तला याद करी मनै दिल मै, | गुंठी पागी पड़ी थी जल मै, शकुन्तला याद करी मनै दिल मै, | ||
मर्द अनाड़ी अकल मै, भरपूर भी होज्याया करै, | मर्द अनाड़ी अकल मै, भरपूर भी होज्याया करै, | ||
मन का महल ज्ञान अंकुश तै, चूर भी होज्याया करै॥ | मन का महल ज्ञान अंकुश तै, चूर भी होज्याया करै॥ | ||
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माफ कर गलती नहीं पिछाणी, चाल बण हस्तिनापुर की राणी, | माफ कर गलती नहीं पिछाणी, चाल बण हस्तिनापुर की राणी, | ||
राजघरां मैं इसी निमाणी, हूर भी होज्याया करै, | राजघरां मैं इसी निमाणी, हूर भी होज्याया करै, | ||
नई बहूँ नै सास नणंद की, घूर भी होज्याया करै॥ | नई बहूँ नै सास नणंद की, घूर भी होज्याया करै॥ | ||
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राजेराम लुहारी आला, रटता रहिए मात ज्वाला, | राजेराम लुहारी आला, रटता रहिए मात ज्वाला, | ||
मांगेराम गुरु की ढाला, मशहुर भी होज्याया करै, | मांगेराम गुरु की ढाला, मशहुर भी होज्याया करै, | ||
सिख्या सांग आशकी मै, कोए मगरूर भी होज्याया करै॥ | सिख्या सांग आशकी मै, कोए मगरूर भी होज्याया करै॥ | ||
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17:12, 21 मई 2018 के समय का अवतरण
- सांग–शकुंतल-दुष्यंत # अनुक्रमांक-18 #
हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै,
हाथ जोड़ले के नहीं माफ, कसूर भी होज्याया करै॥ टेक॥
बसज्या पाट कुटम्ब तै न्यारा, आदमी का रहै ओड़ै भाईचारा,
मेल करे तै दुश्मन प्यारा, हजुर भी होज्याया करै,
24 घंटे पास रहणीयाँ, दूर भी होज्याया करै॥
गुंठी पागी पड़ी थी जल मै, शकुन्तला याद करी मनै दिल मै,
मर्द अनाड़ी अकल मै, भरपूर भी होज्याया करै,
मन का महल ज्ञान अंकुश तै, चूर भी होज्याया करै॥
माफ कर गलती नहीं पिछाणी, चाल बण हस्तिनापुर की राणी,
राजघरां मैं इसी निमाणी, हूर भी होज्याया करै,
नई बहूँ नै सास नणंद की, घूर भी होज्याया करै॥
राजेराम लुहारी आला, रटता रहिए मात ज्वाला,
मांगेराम गुरु की ढाला, मशहुर भी होज्याया करै,
सिख्या सांग आशकी मै, कोए मगरूर भी होज्याया करै॥