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दोहा सप्तक-19 / रंजना वर्मा
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15:31, 13 जून 2018
जाने कब सूरज उगे, जाने कब हो भोर।
वैरी अँधियारा मिटे, जब हो सुखद अँजोर।।
भय विनाश आतंक का, रंग हुआ है लाल।
Rahul Shivay
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