भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"संगे-मील / मेला राम 'वफ़ा'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 68: पंक्ति 68:
 
* [[तुम्हारी निगह दिल को बहला गई / मेला राम 'वफ़ा']]
 
* [[तुम्हारी निगह दिल को बहला गई / मेला राम 'वफ़ा']]
 
* [[ग़रीबों को बर्बाद करते रहे / मेला राम 'वफ़ा']]
 
* [[ग़रीबों को बर्बाद करते रहे / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[गया तौबा का मौसम जोशे-मस्ती की बाहर आई / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[चंगो-रबाब से न मये-ख़ुशगवार से / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[दयार-ए-हुस्न में पाबंदी-ए-रस्म-ए-वफ़ा कम है / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[आंख से देखा है क्या कुछ बयां क्या कीजिए / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[बड़ा बे-दाद-गर वो मह-जबीं है / मेला राम 'वफ़ा']]         
 +
* [[नालों में है असर मगर फ़र्क़ असर असर में है / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[न देखा जायेगा क्या बेबसी में जान पर मुझ से / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[जोबन टपक रहा है गुलो-बर्गो-बार से / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[ज़िंदगी ख़ाक में भी थी तिरे दीवाने से / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[इल्तिफ़ात-ए-आम है वज्ह-ए-परेशानी मुझे / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[दिन जुदाई का दिया वस्ल की शब के बदले / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[जब बहार आई तो जंजीर-बपा रक्खा है / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[लब पर तबस्सुम आंख लजाई हुई सी है / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[जवानी में तबीअत ला-उबाली होती जाती है / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[ग़मे-हिज्र की इंतिहा हो गई है / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[महब्बत भी हुआ करती है दिल भी दिल से मिलता है / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[कभी उठता है दर्दे-दिल, कभी गश हम पे तारी है / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[हो तो हो सूरते-क़रार, ऐ दिले-बेक़रारी क्या / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[तिरे चलते हुए फ़िक़रे हैं या फौलाद के टुकड़े / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[हमारे दरपए-ईज़ा है चर्खे-बदश्आर अब भी / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[इलाही किस क़ियामत के मिरे नाले रसा निकले / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[कैसी हवाए-ग़म चमने-दिल में चल गई / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[हिज्र की भी रात बसर हो गई / मेला राम 'वफ़ा']]
 +
* [[मिरी फ़रयाद मम्नूने-असर मुश्किल से होती है / मेला राम 'वफ़ा']]

13:18, 11 अगस्त 2018 का अवतरण

संगे-मील
General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार मेला राम 'वफ़ा'
प्रकाशक दर्पण पुब्लिकेशन्स,
वर्ष 2011
भाषा हिन्दी
विषय शायरी
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 160
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।


इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ