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"संगे-मील / मेला राम 'वफ़ा'" के अवतरणों में अंतर

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* [[नाला-ए-दिल रसा नहीं होता / मेला राम 'वफ़ा']]
 
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* [[बात कुछ दिल की तो क्या बन पायेगी / मेला राम 'वफ़ा']]
 
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* [[रवां नग़मों का इस से ख़ुद ब-ख़ुद सैलाब होता है / मेला राम 'वफ़ा']]
 
* [[माज़ूर हैं बकते चले जाते हैं अगर हम / मेला राम 'वफ़ा']]
 
* [[माज़ूर हैं बकते चले जाते हैं अगर हम / मेला राम 'वफ़ा']]
 
* [[दिल न क्यों ले बलाएं तुम्हारी / मेला राम 'वफ़ा']]
 
* [[दिल न क्यों ले बलाएं तुम्हारी / मेला राम 'वफ़ा']]

18:24, 11 अगस्त 2018 का अवतरण

संगे-मील
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रचनाकार मेला राम 'वफ़ा'
प्रकाशक दर्पण पुब्लिकेशन्स,
वर्ष 2011
भाषा हिन्दी
विषय शायरी
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 160
ISBN
विविध
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