भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पद / 7 / श्रीजुगलप्रिया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीजुगलप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:35, 19 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

नैन मोहन रूप छकेरी।
सेत स्याम रतनारे प्यारे ललित सलोने रँग रँगे री॥
बाँकी चितवनि चंचल तारे मनो कंज पै खंज अरे री।
‘जुगल प्रिया’ जाके उर भाये अधिक बावरे सोई भये री।