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जंगवीर सिंह 'राकेश'
www.kavitakosh.org/jsrakesh
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© कॉपीराइट: जंगवीर सिंह 'राकेश'। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग जंगवीर सिंह 'राकेश' की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
जन्म | 17 जून 1995 |
---|---|
उपनाम | वीर |
जन्म स्थान | रुस्तमपुर वाजिद, बिजनौर, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
'अस्ल मुहब्बत' | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
जंगवीर सिंंह 'राकेश' / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/jsrakesh |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- मेरे भी पांव में रस्ते बहोत हैं / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- हमने ज़ुल्फ़ें घनी सँवारीं हैं हम पे यूँ ही न शाइरी आयी / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- अपनी ज़िल्लत मेरे सर दे मारी भी / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- वक़्त अपनी तरह से चलता है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- बुझे चराग़ को कोई हवा नही देता / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ज़िन्दगी इक सफ़र में गुज़री है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- अभी तो चाक पर रक्खे गए हम / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘भूख’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- अश्क आँखों में भर गए होंगे / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ग़ज़लों में तन्हाई रक्खी जाती है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- '. . . जीत जाओगे एक दिन !!' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- हो के यूँ पत्थर जो हम उनके हवाले जाएँगे / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- अश्क फरियाद हुए जाते हैं. / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- 'उच्चारण' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- सौदा-ए-ग़म नहीं किया हमने / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- 'बेदाग़ आँचल' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ज़ियादा कुछ न मिल पाया तो खुद को ही, / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- सफ़र / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ठहरा पानी हिलाता है कोई / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘पापा, मुझे कवि बनना है' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- दिल की मस्ती में रंग आता है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- तुम्हारी आँख से छलका है आँसू / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- पापा, वह आप ही हैं / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- मय-कदे ये जाम किसके नाम का है/ जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- आँसू, ग़म, तन्हाई बाँटो / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- '. . . . .कोई खो गया है' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- और हम से, सहा नही जाता / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- चल के मेरे पास ही तब आओगी तुम / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- पूरी कायनात का बदन निचोड़ आया हूँ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- जब सहीह भी सहीह नहीं रहता / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- वक़्त के साँचें में ढलना है तुझे / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- 'एक क्षण में . . . .' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- इस तरह कुछ कर दिखाना चाहती थी / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- माँ मुस्कुरा के, जान जाती / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- आज आख़िरी दिन है. / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- मैं अकेला / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 1’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 2’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 5’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 8’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 10’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 15’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 21’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 40’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'