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<poem>
चुनरी चढ़इबो लाले-लाल हे जगतारण मइया
भगतन पर रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया
 
तोहरे चरण के मइया हमहीं पूजरिया ही
तोहरे दर के मइया हमहीं भीखरिया ही
हम्मर संकट दीहा टाल हे जगतारण मइया
भगतन पर रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया
चुनरी चढ़इबो लाले-लाल हे जगतारण मइया।
भगतन पर रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया।।
तोहरे चरण के मइया हमहीं पूजरिया ही।
तोहरे दर के मइया हमहीं भीखरिया ही।
हम्मर संकट दीहा टाल हे जगतारण मइया।। भगतन...
दिन-रात देखूँ मइया तोहरे सपनमा हे।
कहिया तूँ देवऽ मइया अपन दरसनमाँ हे।
कर दीहा हमरा के खुसहाल हे जगतारण मइया।। मइयाभगतन...छोटी रे अँगनमा में निमियाँ के गछिया मइया।झिर-झिर बहे रामा पूरबा अउ पछिया मइया।ओकरा पर झुलिहा झूला डाल रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया।। भगतन...मइया
छोटी रे अँगनमा में निमियाँ के गछिया मइया
झिर-झिर बहे रामा पूरबा अउ पछिया मइया
ओकरा पर झुलिहा झूला डाल हे जगतारण मइया
भगतन पर रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया
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