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"अकेले हैं (माहिया) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
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हम बहुत अकेले हैं | हम बहुत अकेले हैं | ||
क़िस्मत के हाथों | क़िस्मत के हाथों | ||
उजड़े हुए मेले हैं। | उजड़े हुए मेले हैं। | ||
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साथ रहें बेगाने | साथ रहें बेगाने | ||
शातिर दुनिया को | शातिर दुनिया को | ||
कैसे हम पहचाने । | कैसे हम पहचाने । | ||
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हम किसकी बात कहें | हम किसकी बात कहें | ||
कब था चैन मिला | कब था चैन मिला | ||
हरदम आघात मिले। | हरदम आघात मिले। | ||
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तुम चन्दा अम्बर के | तुम चन्दा अम्बर के | ||
मैं केवल तारा | मैं केवल तारा | ||
चाहूँगा जी भरके। | चाहूँगा जी भरके। | ||
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तुम केवल मेरे हो | तुम केवल मेरे हो | ||
साँसों में खुशबू | साँसों में खुशबू | ||
बनकरके घेरे हो। | बनकरके घेरे हो। | ||
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जग दुश्मन है माना | जग दुश्मन है माना | ||
रिश्ता यह दिल का | रिश्ता यह दिल का | ||
जब तक साँस निभाना। | जब तक साँस निभाना। | ||
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तुझको उजियार मिले | तुझको उजियार मिले | ||
बदले में मुझको | बदले में मुझको | ||
चाहे अँधियार मिले। | चाहे अँधियार मिले। | ||
− | + | 77 | |
तुम सागर हो मेरे | तुम सागर हो मेरे | ||
बूँद तुम्हारी हूँ | बूँद तुम्हारी हूँ | ||
तुझसे ही लूँ फेरे। | तुझसे ही लूँ फेरे। | ||
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00:19, 3 अप्रैल 2019 का अवतरण
70
हम बहुत अकेले हैं
क़िस्मत के हाथों
उजड़े हुए मेले हैं।
71
साथ रहें बेगाने
शातिर दुनिया को
कैसे हम पहचाने ।
72
हम किसकी बात कहें
कब था चैन मिला
हरदम आघात मिले।
73
तुम चन्दा अम्बर के
मैं केवल तारा
चाहूँगा जी भरके।
74
तुम केवल मेरे हो
साँसों में खुशबू
बनकरके घेरे हो।
75
जग दुश्मन है माना
रिश्ता यह दिल का
जब तक साँस निभाना।
76
तुझको उजियार मिले
बदले में मुझको
चाहे अँधियार मिले।
77
तुम सागर हो मेरे
बूँद तुम्हारी हूँ
तुझसे ही लूँ फेरे।