Changes

सन 1992 / अदनान कफ़ील दरवेश

No change in size, 09:50, 24 जून 2019
मुसलसल गिर रही है
जिसके ध्वँस ध्वंस की आवाज़
अब सिर्फ़ स्वप्न में ही सुनाई देती है !
(रचनाकाल: 2017, दिल्ली)
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits