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क्षणिकाएं / कुमार मुकुल
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06:12, 29 जून 2019
कहीं कोई आशियां
जला होगा।
सीने पे रखा
पत्थर है वो
उसी ने सांसें
रोक रक्खी हैं।
</poem>
Kumar mukul
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