"होम्यो कविता : लाइकोपोडियम / मनोज झा" के अवतरणों में अंतर
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− | हर | + | हर वक़्त उदास दुखित रहता वह, |
करता है धार्मिक बकवाद। | करता है धार्मिक बकवाद। | ||
− | लिखने में करता है | + | लिखने में करता है ग़लती, |
− | शब्द का | + | शब्द का मतलब रहे न याद॥ |
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निम्न पेट फूला दिखता है, | निम्न पेट फूला दिखता है, | ||
− | + | तेज़ बुद्धि दुबला रोगी । | |
− | सूखी त्वचा | + | सूखी त्वचा सशँक चिड़चिड़ा, |
− | + | कफ़ प्रधान होता लोभी ॥ | |
− | पेट फूलना गुड़गुड़ करना, | + | |
− | जलन सँग हो खट्टी | + | पेट फूलना, गुड़गुड़ करना, |
− | कौर दो कौर से भरे पेट तो | + | जलन सँग हो खट्टी डकार । |
− | लाइको माँगे वह | + | कौर-दो कौर से भरे पेट तो |
− | + | लाइको माँगे वह बीमार ॥ | |
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− | + | दाँईं उपजे रोग और फिर | |
− | + | बाँईं तरफ़ को जाए । | |
+ | सायँ चार से आठ बजे | ||
+ | बढ़ना लाइको बतलाए ॥ | ||
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मूत्र से पहले बच्चा रोए, | मूत्र से पहले बच्चा रोए, | ||
− | अथवा तली जमे जो | + | अथवा तली जमे जो लाल । |
रुक-रुक कर होता पेशाब, | रुक-रुक कर होता पेशाब, | ||
− | ऐसे में लाइको करे | + | ऐसे में लाइको करे कमाल ॥ |
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जब न्युमोनियाँ में बच्चे की | जब न्युमोनियाँ में बच्चे की | ||
− | नासा | + | नासा दीवारें पिचके-फूलें । |
कुहू-कुहू करती छाती तब | कुहू-कुहू करती छाती तब | ||
− | कभी न लाइको को | + | कभी न लाइको को भूलें ॥ |
− | रोगी बोले | + | |
− | योनि से लहू | + | रोगी बोले पाख़ाने के समय |
+ | योनि से लहू बहे । | ||
सूखी रहती योनि और | सूखी रहती योनि और | ||
− | + | संभोगकाल वह जलन कहे ॥ | |
+ | |||
अतिशय इन्द्रिय परिचालन से | अतिशय इन्द्रिय परिचालन से | ||
− | ध्वजभंग और हो | + | ध्वजभंग और हो शीघ्रपतन । |
− | + | कब्ज़ बताता है रोगी | |
− | कारण मलद्वार का | + | कारण मलद्वार का संकोचन ॥ |
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17:45, 23 जुलाई 2019 के समय का अवतरण
हर वक़्त उदास दुखित रहता वह,
करता है धार्मिक बकवाद।
लिखने में करता है ग़लती,
शब्द का मतलब रहे न याद॥
निम्न पेट फूला दिखता है,
तेज़ बुद्धि दुबला रोगी ।
सूखी त्वचा सशँक चिड़चिड़ा,
कफ़ प्रधान होता लोभी ॥
पेट फूलना, गुड़गुड़ करना,
जलन सँग हो खट्टी डकार ।
कौर-दो कौर से भरे पेट तो
लाइको माँगे वह बीमार ॥
दाँईं उपजे रोग और फिर
बाँईं तरफ़ को जाए ।
सायँ चार से आठ बजे
बढ़ना लाइको बतलाए ॥
मूत्र से पहले बच्चा रोए,
अथवा तली जमे जो लाल ।
रुक-रुक कर होता पेशाब,
ऐसे में लाइको करे कमाल ॥
जब न्युमोनियाँ में बच्चे की
नासा दीवारें पिचके-फूलें ।
कुहू-कुहू करती छाती तब
कभी न लाइको को भूलें ॥
रोगी बोले पाख़ाने के समय
योनि से लहू बहे ।
सूखी रहती योनि और
संभोगकाल वह जलन कहे ॥
अतिशय इन्द्रिय परिचालन से
ध्वजभंग और हो शीघ्रपतन ।
कब्ज़ बताता है रोगी
कारण मलद्वार का संकोचन ॥